गुस्से पर कैसे पाएं काबू ?

गुस्से पर कैसे पाएं काबू 

 गुस्से या क्रोध पर नियंत्रण अथवा प्रबंधन दुनिया में एक बहुत ही चिंता का विषय बन चुका है।  अधिकांश क्षेत्रों में क्रोध के मुद्दों से जूझ रहे लोगों के लिए सहायता समूह और अग्रिम कार्यक्रम उपलब्ध हैं।  यह अनुमान लगाना भी मुश्किल है  कि क्रोध कितनी समस्याओं का कारण बन सकता है, दुर्व्यवहार, हिंसा और लापरवाही जैसी समस्याएं तो इनमे से कुछ ही हैं, गैर-सरकारी संगठन और सरकारी कार्यक्रम इस समस्या को सुधारने में मदद करने के लिए रोज नए क्रोध प्रबंधन सम्बंधित कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं।

 क्रोध के मुद्दों का इलाज या उससे सम्बंधित सलाह मुहैया  करवाते समय, क्रोध प्रबंधन से सम्बंधित रणनीतियों के लिए कई तरह के सुझाव हैं जिन्हे हमेशा जहन में रखा जाना चाहिए क्योंकि उनमें से प्रत्येक का उद्देश्य उन लोगों की मदद करना है जो क्रोध-प्रवृति या गुस्सैल स्वभाव के हैं और जिन्हे अक्सर क्रोध के दौरे पड़ते रहते हैं।  क्रोध, हालांकि परेशान करने वाली स्थितियों से उत्पन्न होने वाली  एक स्वस्थ और सामान्य प्रतिक्रिया है, परन्तु यह हिंसा के खतरनाक बिंदु तक पहुँच जाये तो बहुत ही भयाभय परिस्थिति में तब्दील हो सकती है।  जब कोई व्यक्ति गुस्से या लापरवाह व्यवहार जैसी असामान्य और चिंताजनक नियमित स्थिति  का अनुभव करता है, तो यह एक ऐसी समस्या होती है, जिससे निपटना निहायत ही आवश्यक होता  है।  क्रोध प्रबंधन से सम्बंधित इन रणनीतियों को इस अत्यधिक क्रोध से ग्रसित असमान्य व्यक्ति को एक स्वस्थ, सामान्य अस्तित्व और  व्यक्तित्व  वाले व्यक्ति में वापिस लाने में इस्तेमाल करने के लिए निर्मित  किया गया है।

 अस्थाई अवकाश ( टाइम- आउट ) लेना एक स्वस्थ और प्रभावशाली  प्रबंधन रणनीति मानी जाती है। इसमें  किसी व्यक्ति को खुद को क्रोधित करने वाली स्थिति या व्यक्ति से खुद को अलग करने का अभ्यास और प्रयास करना होता है।  इस क्रोध प्रबंधन रणनीति के लिए लम्बी यात्रा या समुद्र तट पर टहला जा सकता है।  खेल खेलना या कसरत करना और अगर वह भी दूसरों को शामिल किए बिना अकेले किया जाए तो वह कुछ अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करेगा जो एक शांत स्वभाव बनाये रखने में सहायक सिद्ध होगा।  टाइम-आउट के लिए कुछ अन्य सुझाव हैं पढ़ना, संगीत सुनना या मौन में अकेले बैठना या आसान भाषा में कहा जाये तो ध्यान लगाना भी इनमे से ही एक है ।  इन गतिविधियों में से प्रत्येक क्रिया एक तरह से क्रोध नियंत्रण की सफल और स्वस्थ रणनीति ही हैं।

          

 एक स्वस्थ क्रोध प्रबंधन रणनीति का दूसरा उदाहरण है, क्रोध पर काबू रखना।  यद्यपि क्रोध आमतौर पर एक चिड़चिड़ी स्थिति या किसी अन्य व्यक्ति के साथ टकराव के कारण होता है, क्रोध वास्तव में परेशान व्यक्ति को अधिक प्रभावित करता है।  केवल वही व्यक्ति जो क्रोध की समस्याओं का सामना कर रहा है, अपने क्रोध के दौरों  को नियंत्रित कर सकता है।  केवल क्रोध से प्रभावित होने  वाला व्यक्ति ही क्रोध प्रबंधन रणनीतियों को सीख सकता है और कैसे बेहतरीन तरीके से अपनी भावनाओं को काबू किया जाए यह सब भी अच्छी तरह से सीख सकता है।  जब कोई व्यक्ति क्रोध में अनियंत्रित या परेशान हो जाता है, तो वह अपने क्रोध के कारणों को प्रकट करने का प्रयास जरूर करेगा फिर चाहे वह चोट हो, भय हो, निराशा हो, उदासी हो, भ्रम हो, ईर्ष्या के रूप में हो या ऐसा कुछ भी जो उसके क्रोध को प्रकट करता हो।

 एक और स्वस्थ क्रोध प्रबंधन रणनीति उन परिस्थितियों पर पीछे मुड़कर देखना और उनका सम्पूर्ण आंकलन करना है जो किसी व्यक्ति को परेशान करती हैं  क्योंकि उन परिस्थिओं में परिवर्तन करने के तरीकेों को खोजने का प्रयास करना आवश्यक हैं।  क्रोध का कारण जानने से व्यक्ति को उन स्थितियों से बचने में मदद मिल सकती है इससे व्यक्ति न केवल इन घटनाओं से बचना सीख सकता है बल्कि इनसे जो कुछ भी सीखा है उसे अपनाने के बाद वे बिना किसी उन्माद के स्थिति से निपटने का प्रयास कर  सकता  हैं और इसमें सफल भी हो सकता  है। 

 स्वस्थ प्रबंधन रणनीतियों के संबंध में चौथा सुझाव, ऐसी स्थिति या व्यक्ति का सामना करना है। इस  समस्या की जड़ को समझने का प्रयास करने के लिए, निश्चित रूप से शामिल उस व्यक्ति या उन लोगों से शांति से बात करें इससे क्रोधित व्यक्ति को वास्तव में अवगत करवाया जा  सकता है कि यह सब कुछ बेवजह था या एक गलतफहमी मात्र थी।  व्यक्तिगत स्थिति में व्यक्ति या लोगों को उनके व्यवहार के बारे में सोचने और शायद इसे बदलने के लिए भी कहने का प्रयास किया जा सकता है।  यह आश्चर्य की बात हो सकती है कि लोग उस व्यक्ति की मदद करने के लिए क्या-क्या करने को तैयार होंगे जो गुस्से से अपनी समस्याओं से निपटने का प्रयास कर रहा है।  उम्मीद है कि वह स्वयं भी इस सब से छुटकारा पाने के लिए जी-जान से प्रयास करेगा।  यदि फिर भी सफलता न मिले तो परिस्थिओं को स्वीकार करने के लिए भी संकोच नहीं करना चाहिए।  कभी-कभी एक व्यक्ति को उन  परिस्थितियों और लोगों को स्वीकार करना सीखना चाहिए जिन्हें वे बदल नहीं सकते हैं और वे या तो इससे निपटने की कोशिश करें या फिर इनसे दूर चले जाएँ । 

 क्रोध की समस्या से ग्रसित लोगों द्वारा स्वस्थ क्रोध प्रबंधन रणनीतियों को सीखने पर विचार किया जाना चाहिए।  क्रोध और क्रोध प्रबंधन के संबंध में कई पुस्तकें प्रकाशित हैं।  इंटरनेट पर ऐसे लोगों के लिए भी ढेर सारी जानकारियों का खजाना उपलब्ध है जिनसे स्वस्थ क्रोध प्रबंधन रणनीतियों को सीखकर अपने क्रोध से निपटने का समुचित हल प्राप्त किया जा सकता है। 

   मुझे पूरी उम्मीद है की यदि इन सब रणनीतियों का स्वेक्षा से पालन किया जाये तो इस निहायत ही खतरनाक प्रवृति से पूरी तरह से छुटकारा प्राप्त किया जा सकता है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दर्दनाक घटना से बचाव किया जा सके और खुद की तथा अपने प्रियजनों की जिंदगी को फिर से खुशगवार और ख़ूबसूरत बनाया जा सके। 

                                                        - कुलविंदर सिंह 

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